चांडाल दोष पूजा

चांडाल दोष की पूजा पंडित संजय भार्गव के दुवारा
अगर किसी ज्योतिषी ने या जानकार ने आपकी कुंडली में चांडाल दोष होने की बात कही है तो घबराएं नहीं। इससे बचने का उपाय है और वह भी बहुत आसान। जानिए क्या है उपाय।
- चांडाल दोष शांति पूजा का विधान भारत में प्रमुख मंदिरों और पवित्र स्थलों पर होता है। चांडाल दोष शांति पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
- इस पूजा के साथ गुरु और राहु के दोषों की शांति भी की जाती है। चांडाल दोष शांति से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
चांडाल दोष क्या है ?
चांडाल दोष, जिसे चांडाल योग भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है। यह योग तब उत्पन्न होता है जब गुरु (बृहस्पति) ग्रह राहु या केतु के साथ एक ही राशि में स्थित होते हैं। गुरु ग्रह ज्ञान, धर्म, शिक्षा और सत्वगुण का प्रतीक है, जबकि राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं जो भ्रम, छल, और अनिश्चितता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब ये ग्रह एक साथ होते हैं, तो गुरु की शुभता और सकारात्मक प्रभाव कमजोर हो जाते हैं, जिससे चांडाल दोष उत्पन्न होता है। इस दोष के प्रभाव से जीवन में कई प्रकार की बाधाएं और समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे कि मानसिक अशांति, स्वास्थ्य समस्याएं, शिक्षा और करियर में रुकावटें, और आर्थिक परेशानियां। चांडाल दोष का निवारण करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं, जिनमें चांडाल दोष शांति पूजा प्रमुख है। यह पूजा जन्मकुंडली में चांडाल योग को शांत करने और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए की जाती है। चांडाल दोष शांति पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
चांडाल दोष केसे होता है-
चांडाल दोष तब उत्पन्न होता है जब गुरु (बृहस्पति) ग्रह राहु या केतु के साथ एक ही राशि में स्थित होते हैं। यह स्थिति जन्मकुंडली में गुरु की सकारात्मक ऊर्जा और प्रभाव को कमजोर करती है। गुरु ग्रह ज्ञान, शिक्षा, धर्म, और सत्वगुण का प्रतीक है, जबकि राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं, जो भ्रम, छल, और अनिश्चितता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब राहु या केतु गुरु के साथ एक ही राशि में आ जाते हैं, तो गुरु का शुभ प्रभाव कम हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाते हैं। चांडाल दोष से उत्पन्न होने वाले प्रभावों में मानसिक अशांति, शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं, शिक्षा और करियर में रुकावटें, और आर्थिक परेशानियां शामिल हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में असंतुलन और बाधाएं लाता है, जिससे मानसिक और शारीरिक रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चांडाल दोष को शांत करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं, जिनमें चांडाल दोष शांति पूजा प्रमुख है। इस पूजा का उद्देश्य गुरु की शक्ति को पुनः सक्रिय करना और राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करना है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
चांडाल दोष के लक्षण क्या है-
1. कार्य क्षेत्र मे अवरोध बार-बार रुकावट आना।
2. पड़ाई मे अवरोध आना।
3. करियर में बाधाएं: नौकरी में असफलता, प्रमोशन में देरी, सहकर्मियों से विवाद।
4. भावनात्मक अस्थिरता
5. बुरे-बुरे स्वप्न आना।
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