
कालसर्प दोष पूजा
कालसर्प दोष पूजा को कालसर्प योग भी कहा जाता है। कालसर्प पूजा तब होती है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आते हैं|कालसर्प हानि, दुविधा, बाधा को सूचित करता है. कुंडली में कालसर्प होने से कितने लोगो को कष्ट हुवा है|कालसर्प पूजा उज्जैन दोष निवारण के लिए की जाने वाली पूजा व्यक्ति की अनुपस्थिति में भी की जा सकती है|

चांडाल दोष
चांडाल दोष पूजा का उद्देश्य जन्मकुंडली में चांडाल योग को शांत करना है। यह पूजा जीवन में आने वाली बाधाओं, मानसिक अशांति और नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है।इस पूजा से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।चांडाल दोष को समाप्त कर व्यक्ति की प्रगति और समृद्धि में सहायता मिलती है।

पितृ दोष पूजा
पितृदोष पूजा करने से सभी दोषो का निवारण हो जाता है.अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृदोष होता है, या फिर किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो व्यक्ति के परिवार को कई पीढ़ियों को तक पितृदोष के परिणाम झेलने पड़ते है| इससे मुक्ति के लिए पितृदोष पूजा उज्जैन की जाती है|

महामृत्युंजय जाप
यह एक मंत्र है जिसे पुनर्जीवित करने के लिए कहा जाता है, स्वास्थ्य, धन, एक लंबा जीवन, शांति, समृद्धि और संतुष्टि प्रदान करता है। प्रार्थना भगवान शिव को संबोधित किया जाता है। इस मंत्र का जप करके, दिव्य वाइब्रेशन उत्पन्न होते हैं, जो सभी नकारात्मक और दुष्ट सेनाओं को बंद करते हैं और एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक ढाल बनाते हैं।पंडितजी ने कई लोगोंको महामृत्युंजय जप पूजा करके लाभ दिलवाये है|

ग्रह बाधा
नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।

वास्तु शांति
वास्तु शांति पूजा का उद्देश्य घर या कार्यालय में वास्तु दोषों को दूर करना है। यह पूजा स्थान की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। वास्तु शांति से मानसिक शांति, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए की जाती है।

दुर्गा सप्तशती पाठ
दुर्गा सप्तशती पाठ का उद्देश्य मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना है। यह पाठ विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है और इसमें देवी दुर्गा के 700 श्लोकों का वाचन होता है। दुर्गा सप्तशती पाठ से जीवन में शक्ति, साहस और सफलता मिलती है। यह पाठ नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता और शांति लाता है।

गृह शांति
ग्रह शांति पूजा का उद्देश्य जन्मकुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति को शांत करना है। यह पूजा विभिन्न ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को कम कर उनके शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए की जाती है। ग्रह शांति पूजा से जीवन में आने वाली बाधाओं और कष्टों का निवारण होता है। यह पूजा स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करती है।

व्यपारिक बाधा
व्यापारिक बाधा निवारण पूजा का उद्देश्य व्यापार में आने वाली बाधाओं और समस्याओं को दूर करना है। यह पूजा व्यापार में सफलता, समृद्धि और स्थिरता लाने के लिए की जाती है। पूजा से व्यापार में आर्थिक हानि और संघर्ष का निवारण होता है। यह पूजा व्यवसाय में सकारात्मक ऊर्जा और विकास की संभावनाओं को बढ़ाती है।

रुद्राभिषेक पूजा
रुद्राभिषेक पूजा का उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना है। यह पूजा भगवान शिव के रुद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए की जाती है और इसमें शिवलिंग पर विविध सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता और सौभाग्य लाती है।

रत्नों की बिक्री
बड़ी संख्या में रत्न हैं जिनमें सभी अद्वितीय गुण हैं। उनका उपयोग अलग-अलग चीजों, अलग-अलग उद्देश्यों और अलग-अलग स्थानों के लिए भी किया जा सकता है। जब आप अपने निजी परिवेश के लिए किसी रत्न या हीलिंग क्रिस्टल का उपयोग करते हैं, तो क्रिस्टल का कंपन प्रभावित क्षेत्र के खराब उत्सर्जन में बदल जाता है। यह उन्हें धीरे-धीरे ठीक करता है, जिससे आप स्वस्थ और पुनः ऊर्जावान महसूस करते हैं।

कुंडली विष्लेषण
कुंडली विश्लेषण का उद्देश्य व्यक्ति के जन्मकालीन ग्रह स्थिति का अध्ययन करना है। यह विश्लेषण जन्मकुंडली के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, विवाह, स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिति को समझने के लिए किया जाता है। कुंडली विश्लेषण से व्यक्ति को भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों का ज्ञान होता है। यह मार्गदर्शन प्रदान कर जीवन में सफलता और संतुलन लाने में सहायक होता है।