पंडित संजय भार्गव निष्ठापूर्वक और आदर्शवादी पंडित हैं, जिन्होंने एक 30 साल पुराने मंदिर में अपनी सेवाएं निरंतर प्रदान की हैं। उनका यह समर्पण और सेवाभाव समुदाय के लिए आदर्श बन गया है। मंदिर के प्रत्येक ध्वार पर उनकी प्रेरणादायक आवाज और उपलब्धि ने लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक संबल प्रदान की है।
पंडित जी के उपायों का प्रभाव सीधे लोगों के जीवन में दिखाई देता है। उनकी महामृत्युंजय जाप, दुर्गा सप्तशती पाठ और विभिन्न वैदिक कार्यक्रमों में लोगों ने आस्था और प्राप्ति की शक्ति महसूस की है। उनकी पूजाओं में विशेषज्ञता है और लोगों ने उनकी इस विशेषता का लाभ उठाया है। उनके पूजा-पाठ के प्रभाव से लोगों की संघर्षों में राहत मिलती है, और आत्मिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस तरह, पंडित संजय भार्गव का सेवाभाव और पूजा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें समुदाय के बीच एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में स्थापित किया है।

  • कालसर्प शांति करने से 9 विभिन्न प्रकार के सांपों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कालसर्प शांति पूजा के साथ राहु और केतु पूजा सफलता के द्वार खोलती है। नाग की सोने की मूर्ति की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • चंडाल दोष के उपाय में पंडित जी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम और पूजाएं करते हैं, जैसे कि मंगल दोष निवारण या चंडाल दोष शांति पूजा।।
  • पितृदोष की पूजा पूरी विधि विधान से साथ उज्जैन मे करवाए।उज्जैन में पितृदोष पूजा करने से सभी दोषो का निवारण हो जाता है।

शासकीय संस्कृत महाविधायल से उपाधि प्राप्त पंडित संजय भार्गव से आज अपनी कुंडली दिखाये ओर कालसर्प दोष के बारे मे अधिक जाने व उसका निवारण पूरे विधि विधान से करवाए, अपनी पूजा के लिए कॉल करे +919009119934 पर ।

हमारी सेवाए

महामृत्युंजय जाप

यह एक मंत्र है जिसे पुनर्जीवित करने के लिए कहा जाता है, स्वास्थ्य, धन, एक लंबा जीवन, शांति, समृद्धि और संतुष्टि प्रदान करता है। प्रार्थना भगवान शिव को संबोधित किया जाता है। इस मंत्र का जप करके, दिव्य वाइब्रेशन उत्पन्न होते हैं, जो सभी नकारात्मक और दुष्ट सेनाओं को बंद करते हैं और एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक ढाल बनाते हैं।पंडितजी ने कई लोगोंको महामृत्युंजय जप पूजा करके लाभ दिलवाये है|

अर्क/कुंभ विवाह

जिन पुरुषो की कुंडली में सप्तम भाव अथवा बारहवां भाव क्रूर ग्रहों से पीडि़त हो अथवा शुक्र, सूर्य, सप्तमेष अथवा द्वादशेष, शनि से आक्रांत हों। अथवा मंगलदोष हो अर्थात वर की कुंडली में १,२,४,७,८,१२ इन भावों में मंगल हो तो यह वैवाहिक विलंब, बाधा एवं वैवाहिक सुखों में कमी करने वाला योग होता है, ऐसे पुरुषो के माता पिता या अन्य स्नेही सम्बन्धी जनको को उस वर का विवाह पूर्व अर्क विवाह करवाना चाहिए।

नव ग्रह शांति

नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ये नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु हैं।

रुद्राभिषेक पूजा

भक्तो के लिए भगवान शिव के अनंत नाम है उन्ही नामों में से एक प्रसिद्ध नाम है 'रूद्र'। और भगवान शिव का रूद्र रूप का अभिषेक ही रुद्राभिषेक कहलाता है, इस पूजन में शिवलिंग को पवित्र स्नान कराकर पूजा और अर्चना की जाती है। यह हिंदू धर्म में पूजन के शक्तिशाली रूपों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अत्यंत उदार भगवान है और बहुत ही आसानी से भक्तो से प्रसन्न हो जाते हैं।

शनि पूजा

हिंदू धर्म के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव अपने भक्तों के सुख-दुख का पूरा ध्यान रखते हैं। सावन में शिव पूजा से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने शनि देव को न्याय और कर्मफल का देवता बताया है। पुराणों के अनुसार, शनि देव भी भगवान शिव की पूजा करते हैं। शिवजी की पूजा करके हम शनि देव की कुदृष्टि से बच सकते हैं।

वास्तु दोष

वर्तमान समय में मनुष्य के जीवन में उसके घर, कार्यालय एवं व्यावसायिक प्रतिस्थान का उसके जीवन में विशेष महत्त्व है, लेकिन कई बार स्थान के आभाव या दिशाओ की जानकारी न होने के कारण कुछ निर्माण देखने में बहुत सुन्दर प्रतीत होते है लेकिन वह किसी किसी के लिए लाभकारी सिद्द नहीं होते है|


पंडित संजय भार्गव दुवारा कि गई सभी पुजाये अर्थात कालसर्प दोष पूजा,मंगल भात पूजा,पितृ दोष पूजा,महामृत्युंजय जाप,अर्क/कुंभ विवाह,नव ग्रह शांति,बगलामुखी माता पुजा एवं विशेष संतान प्राप्ति का उत्कृष्ट परिणाम तुरंत प्राप्त होता है।